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Showing posts from April, 2022

द लास्ट ट्रेन

य़ात्रा-ए-गोरखपुर: 3 तारीख को पूर्वांन्चल में शादियां जम के होंगी. फलाने भाई की शादी में जाने का आँखिरी मौका है. टिकट तो तीन महीने से हाउसफुल चल रहा है. कल्याण स्टेशन पर ट्रेन 2-3 मिनट रूकने वाली है. ज़िनका टिकट कन्फर्म है उनके तेवर अलग होते है लेकिन जिसने मां से घर आने को लेकर तीन महीने में चार बार झूठ बोला है उसके लिए तो ये करो य़ा मरो की स्थिति है. ज़िनका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ उनकी समस्या अभी शुरू भी नही हुई है. भाई को पता ही नही है की उनके लिए बना चालू डब्बा आगे आयेगा य़ा पीछे. उन्ही तीन मिनटों में उसे प्लेटफार्म के एक छोर से दुसरे छोर तक दौड़ के जाना हैं सामान साथ लिए हुए. उधर पुलिसवाला कसाई की तरह हाथ में डन्डा लिए हूए उन्हे  गालियां बक रहा है, ऐसे में कोई पुलिस वाला बिना गाली दिए संभल के दौड़ने को कह दें तो उसमें मां की सुरत नजर आने लगती है लेकिन इमोशनल होने का समय है ही नहीं क्योंकी अगर लेट हो गए तो कही कोई दरवाजा न बंद कर दे, इसलिये मिल्खा सिंह बने रहना है. लेट होने का नुक्सान ये भी है की अगर जगह मिली भी तो इज्जतघर के पास मिलेगी जहां अगले 36 घंटे बेईज्जत होना है. ट्रेन चालू होता है त

दारू- दहेज

भोजपुरी बिरहा: दारू और दहेज: डाकू परसुराम की कहानी: पूर्वाञ्चल में बिरहा पिछले 200 सालों से प्रचलित लोकगीत रहा है. इन गीतों के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराईयों पर हमेशा चोट किया गया. दारू और दहेज में मेरठ के एक गरीब परिवार की कहानी है. बिरजू नाम के किसान के घर में मदन मोहन दो बेटे और बेटी मंजू नाम की बेटी है. पत्नी का नाम पार्वती है. एक दिन उनके खलिहान में आग लग जाती है और आग में जल के बिरजू की मौत हो जाती है. बच्चे अनाथ हो जाते है. बिरजु के भाई मदन-मोहन को दारू बेच कर गुजारा करने को कहते है. मदन मोहन दोनो पढ़ाई के लिए स्टेशन पर भीख मांगने जाते है. मदन ट्रेन में भीख मांगने लगता है और ट्रेन चल देती है. मोहन ट्रेन का पीछा करता है और पत्थर से टकराकर गिर जाता है और याद्दाश्त खो देता है. मदन भी ट्रेन से उतरने की कोशिश करता है और एक व्यक्ति से अपनी कहानी बता कर ट्रेन रुकवाने का निवेदन करता है, वो व्यक्ति पेशे से डाक्टर होता है और उस बच्चे को घर ले जाता है. डाक्टर बेऔलाद हैं और बच्चे को पालने का निर्णय लेते है. उधर मोहन को एक डाकू अपने घर ले जाता है. कहानी आगे बढती है और मदन मोहन की मां म